पेल्विक मोड़
यह मुद्रा कोर को मजबूत करने में मदद करती हैं।
लाभ:
यह पीठ के निचले हिस्से, पेट और नितंबो की मांसपेशियों का व्यायाम करता है।
कैसे करें
चटाई पर लेट जाएं और अपने घुटनो को मोड़े, अपने पैरों को चटाई पर और अपने हाथो की हथेलियों को अपने को अपने कूल्हों के साथ रखें, चटाई को छूते हुए। अपने कूल्हों को उठाते समय एक तटस्थ स्पाइन इनहेल बनाये रखे। तीन सेकंड के लिए रुके और धीरे-धीरे सांस छोड़ेंऔर धीरे-धीरे सांस छोड़ें, अपने कूल्हों को वापिस चटाई पर लाएं, गईं सेकंड के लिए आराम करें और दोहराएं। इस अभ्यास का एक सत्र बीस पुनरावृत्तियों का होना चाहिए।
केगेल व्यायाम
केगेल व्यायाम पेल्विक फ्लोर को मजबूत करता है।
लाभ:
गर्भव्यस्था में अक्सर एक कमजोर पैल्विक फर्श होता है जिसके परिणामस्वरूप यौन सुख कम हो सकता है और मूत्राशय पर नियंत्रण कम हो सकता है।
कैसे करें:
अपनी पीठ के बल लेट जाइए, अपने घुटनों को पैरो के तलवों से स्पर्श कीजिए और नाभि पर अपने हाथो को स्पर्श कीजिए। निचले पेट की मांसपेशियों को अनुबंधित करें – वे मांसपेशियां जिनका उपयोग आप मध्य मार्ग में पेशाब को रोकने के लिए करते हैं – पांच सेकंड तक रोकें। श्वास छोड़िए, पांच सेकंड के लिए रुके और दोहराएं। प्रति सत्र बीस दोहराव का अभ्यास